These stories are very short and basic. This is a story to increase the knowledge of the children of the country. Here is a wide collection of moral stories in easy Hindi, which children can read and understand. And learn some new things
These stories are very short and basic. This is a story to increase the knowledge of the children of the country. Here is a wide collection of moral stories in easy Hindi, which children can read and understand. And learn some new things
Hindi kahani:- फैंसी ड्रेस शो
Baccho ki Kahaniya 26 January
राहुल के स्कूल में 23 जनवरी को फैंसी ड्रेस कॉम्पिटिशन रखा गया तो उसे समझ में नहीं आया कि वह इस शो में क्या बने? मम्मी ने बताया इस दिन महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस का जन्म दिन है, वह उन्ही का रूप धारण करे। राहुल ऐसा करके क्या कोई प्राइज पा सका? हम अधिकारों के साथ अपने कर्तव्य भी समझें।
क्लास में आकर निकिता मैम ने बताया कि स्कूल में 23
जनवरी के दिन फैंसी ड्रेस कॉम्पिटिशन रखा गया है बच्चे इसमें हिस्सा ले सकते हैं। फैंसी ड्रेस का नाम सुनकर सारे बच्चे बहुत खुश हो गए। लड़कियां आपस में खुसुर-पुसुर करने लगीं- 'मैं तो बार्बी डॉल बनूंगी।
'एक ने कहा। दूसरी बोली, 'मैं तो मिस वर्ल्ड बनूंगी।' दूसरी तरफ लड़के भी आपस में बात करने लगे। कोई बोला, 'मैं तो पुलिसमैन बनूंगा।' तो किसी ने कहा, 'मैं तो स्पाइडर मैन बनूंगा।' राहुल को समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या बने? घर आकर उसने मम्मी से पूछा,
'मम्मी स्कूल में फैंसी ड्रेस कॉम्पिटिशन होगा, मैं क्या बनूं?' एक पल सोचने के बाद मम्मी बोलीं, 'तुम सुभाष चंद्र बोस बनना।' 'सुभाष चंद्र बोस कौन हैं मम्मी?' राहुल ने पूछा। 'सुभाष चंद्र बोस हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानी थे। 23 जनवरी को उनका जन्म हुआ था। 23 जनवरी को अगर तुम सुभाष चंद्र बोस बनोगे तो अच्छा लगेगा।' मम्मी ने राहुल को समझाया।
Inspirational story in hindi
'मम्मी, लेकिन मुझे तो उनके बारे में कुछ भी नहीं पता। मैं उनके बारे में क्या बोलूंगा?' राहुल ने चिंता से पूछा। 'वो सब मैं तुम्हे बता दूंगी, अब तुम जाकर पहले कपड़े
बदलो।' मम्मी बोलीं। राहुल कपड़े बदलने चला गया। हाथ-मुंह धोकर उसने खाना खाया फिर मम्मी से पछा, 'मम्मी, अब बताओ सुभाष चंद्र बोस के बारे में?
'मम्मी ने राहुल के पास बैठकर सुभाष चंद्र बोस के बारे में बताया। बाद में उन्होंने राहुल को सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर भी दिखाई। तस्वीर को देखते हुए राहुल बोला, 'मम्मी, मेरे पास तो सुभाष चंद्र बोस जैसे कपड़े नहीं हैं।' 'उसकी तुम चिंता न करो, हम शाम को बाजार जाकर ले आएंगे।' मम्मी बोली।
शाम को मम्मी राहुल के साथ बाजार जाकर सुभाष चंद्र बोस की ड्रेस ले आई। रोज स्कूल से आने के बाद मम्मी राहुल को सुभाष चंद्र बोस के बारे में और भी बातें बताती थीं। धीरे-धीरे राहुल ने सुभाष चंद्र बोस के बारे में बहुत कुछ जान लिया। राहुल आईने के सामने खड़ा हो जाता और मम्मी के द्वारा सिखाए गए डायलॉग्स को बोलता और खुश होता।
23 जनवरी का दिन आया। राहुल सुभाष चंद्र बोस की ड्रेस पहनकर स्कूल गया। उसने देखा कि कोई पुलिसमैन बनकर आया है तो कोई डॉक्टर या वकील। कॉम्पिटिशन शुरू हुआ। सारे बच्चे स्टेज पर आकर अपने कैरेक्टर के बारे में कुछ ना कुछ बोलते और चले जाते।जब राहुल की बारी आई तो वह आत्मविश्वास के साथ स्टेज पर आया और बोलना शुरू किया, 'मैं सुभाष चंद्र बोस हूं।
motivational stories for education
मेरा जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक में हुआ। भारत को स्वतंत्र कराने के लिए मैंने आजाद हिंद फौज' का गठन किया। कुछ पंक्तियां हैं, उस गीत की, जिसे आजाद हिंद फौज के सैनिकों की रगों में जोश भरने के लिए गाया जाता था- कदम कदम बढ़ाए जा, खुशी के गीत गाए जा ये जिंदगी है कौम की, तू कौम पे लुटाए जा
तू शेर-ए-हिंद आगे बढ़, मरने से तू कभी न डर उड़ा के दुश्मनों का सर, जोश-ए-वतन बढ़ाए जा...
'राहुल बोलता रहा। अंत में उसने बड़े जोश से कहा, 'तुम
मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा।
'यह बोलकर वह स्टेज से उतर गया। सब लोग जोर-जोर से तालियां बजाने लगे। सबने उसकी बहुत प्रशंसा की। उसे इस फैंसी डैस कॉम्पिटिशन में फर्स्ट प्राइज मिला। घर पहुंचकर उसने मम्मी को पुरस्कार
पकड़ाते हुए कहा, 'मम्मी, मैं भी सुभाष चंद्र बोस की तरह अपने देश के लिए कुछ करना चाहता हूं।' 'जरूर करना बेटा।' मम्मी राहुल को खुशी से गले लगाते हुए बोलीं।
Moral ज्ञान
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Children story in hindi for education
सोचो जरा, नियम-कायदे न हों तो क्या होगा? सब अपनी मनमानी करेंगे, आपस में लड़ेंगे। जो शक्तिशाली होगा लोगों सा को परेशान करेगा और जो कमजोर होगा, वह दबाया जाएगा। एक तरह से जंगलराज हो जाएगा। ऐसी स्थिति न बने, इसलिए नियम-कानून बनाए जाते हैं ताकि सब एक अनुशासन में रहें,
आपस में लड़े-झगड़ें नहीं, अमन-चैन बना रहे। यही सोचकर देश के बड़े नेताओं और कानून के जानकारों ने अंग्रेजों से आजादी पाने - के बाद आपस में गहन विचार-विमर्श करके देश के लिए नियम-कानून बनाए, जिन्हें हम संविधान कहते हैं।
संविधान बनाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा गया कि सबको समान अधिकार मिलें, जाति-/
धर्म के आधार पर किसी प्रकार का कोई भेद-भाव न रहे। समाज में न कोई छोटा कहलाए न कोई बड़ा।
सभी बराबर के हों। देश के सभी नागरिकों के लिए विकास-उत्थान के रास्ते खलें।
motivational stories in hindi.
हर किसी को बड़े से बड़ा पद पाने का अधिकार मिले, गरीब से गरीब आदमी अपनी योग्यता के बल पर किसी भी बड़े पद पर आसीन हो। यही समानता हमारे संविधान की सबसे बड़ी खूबी है। बच्चों, हमारा संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था, इसलिए हम 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं।
यह दिन हम अपने उन अधिकारों के लिए जागरूक करता है. जो हमारी उन्नति के लिए जरूरी हैं। अगर हमारे साथ कोई भेदभाव हो रहा है, हमें हमारे अधिकार नहीं मिल रहे हैं, हमारे साथ अन्याय हो रहा है तो हम इसके विरुद्ध न्यायालय जाकर अपनी आवाज उठा सकते हैं। न्यायालय हमारे।
अधिकारों की रक्षा करेगा। हमारे संविधान में हमें कुछ मौलिक अधिकार भी दिए गए हैं, जो देश के हर नागरिकल को बहुत बड़ी ताकत देते हैं। अपने साथ जब भी कुछ गलत हो, उस पर हमें अपने विचार रखने का पूरा हक है। यहां बच्चों यह बताना भी जरूरी है,
26 January inspirational story.
जहां संविधान ने हमें बहुत-से अधिकार दिए हैं, वहीं इसमें इस बात का भी उल्लेख है कि देश-समाज के प्रति हमारे कुछ कर्त्तव्य भी हैं। यह हमारा सबसे पहला कर्त्तव्य है, हम ऐसा कुछ न करें, जिससे देश की एकता टूटे, अमन-चैन खत्म हो और देश कमजोर हो। इसलिए हम अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए अपने विकास के साथ देश के प्रति अपने कर्त्तव्य को निभाकर देश का भी विकास कर उसे शक्तिशाली बनाएं। जय हिंद...
Hindi kahani:- फैंसी ड्रेस शो
Baccho ki Kahaniya 26 January
राहुल के स्कूल में 23 जनवरी को फैंसी ड्रेस कॉम्पिटिशन रखा गया तो उसे समझ में नहीं आया कि वह इस शो में क्या बने? मम्मी ने बताया इस दिन महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस का जन्म दिन है, वह उन्ही का रूप धारण करे। राहुल ऐसा करके क्या कोई प्राइज पा सका? हम अधिकारों के साथ अपने कर्तव्य भी समझें।
क्लास में आकर निकिता मैम ने बताया कि स्कूल में 23
जनवरी के दिन फैंसी ड्रेस कॉम्पिटिशन रखा गया है बच्चे इसमें हिस्सा ले सकते हैं। फैंसी ड्रेस का नाम सुनकर सारे बच्चे बहुत खुश हो गए। लड़कियां आपस में खुसुर-पुसुर करने लगीं- 'मैं तो बार्बी डॉल बनूंगी।
'एक ने कहा। दूसरी बोली, 'मैं तो मिस वर्ल्ड बनूंगी।' दूसरी तरफ लड़के भी आपस में बात करने लगे। कोई बोला, 'मैं तो पुलिसमैन बनूंगा।' तो किसी ने कहा, 'मैं तो स्पाइडर मैन बनूंगा।' राहुल को समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या बने? घर आकर उसने मम्मी से पूछा,
'मम्मी स्कूल में फैंसी ड्रेस कॉम्पिटिशन होगा, मैं क्या बनूं?' एक पल सोचने के बाद मम्मी बोलीं, 'तुम सुभाष चंद्र बोस बनना।' 'सुभाष चंद्र बोस कौन हैं मम्मी?' राहुल ने पूछा। 'सुभाष चंद्र बोस हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानी थे। 23 जनवरी को उनका जन्म हुआ था। 23 जनवरी को अगर तुम सुभाष चंद्र बोस बनोगे तो अच्छा लगेगा।' मम्मी ने राहुल को समझाया।
Inspirational story in hindi
'मम्मी, लेकिन मुझे तो उनके बारे में कुछ भी नहीं पता। मैं उनके बारे में क्या बोलूंगा?' राहुल ने चिंता से पूछा। 'वो सब मैं तुम्हे बता दूंगी, अब तुम जाकर पहले कपड़े
बदलो।' मम्मी बोलीं। राहुल कपड़े बदलने चला गया। हाथ-मुंह धोकर उसने खाना खाया फिर मम्मी से पछा, 'मम्मी, अब बताओ सुभाष चंद्र बोस के बारे में?
'मम्मी ने राहुल के पास बैठकर सुभाष चंद्र बोस के बारे में बताया। बाद में उन्होंने राहुल को सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर भी दिखाई। तस्वीर को देखते हुए राहुल बोला, 'मम्मी, मेरे पास तो सुभाष चंद्र बोस जैसे कपड़े नहीं हैं।' 'उसकी तुम चिंता न करो, हम शाम को बाजार जाकर ले आएंगे।' मम्मी बोली।
शाम को मम्मी राहुल के साथ बाजार जाकर सुभाष चंद्र बोस की ड्रेस ले आई। रोज स्कूल से आने के बाद मम्मी राहुल को सुभाष चंद्र बोस के बारे में और भी बातें बताती थीं। धीरे-धीरे राहुल ने सुभाष चंद्र बोस के बारे में बहुत कुछ जान लिया। राहुल आईने के सामने खड़ा हो जाता और मम्मी के द्वारा सिखाए गए डायलॉग्स को बोलता और खुश होता।
23 जनवरी का दिन आया। राहुल सुभाष चंद्र बोस की ड्रेस पहनकर स्कूल गया। उसने देखा कि कोई पुलिसमैन बनकर आया है तो कोई डॉक्टर या वकील। कॉम्पिटिशन शुरू हुआ। सारे बच्चे स्टेज पर आकर अपने कैरेक्टर के बारे में कुछ ना कुछ बोलते और चले जाते।जब राहुल की बारी आई तो वह आत्मविश्वास के साथ स्टेज पर आया और बोलना शुरू किया, 'मैं सुभाष चंद्र बोस हूं।
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मेरा जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक में हुआ। भारत को स्वतंत्र कराने के लिए मैंने आजाद हिंद फौज' का गठन किया। कुछ पंक्तियां हैं, उस गीत की, जिसे आजाद हिंद फौज के सैनिकों की रगों में जोश भरने के लिए गाया जाता था- कदम कदम बढ़ाए जा, खुशी के गीत गाए जा ये जिंदगी है कौम की, तू कौम पे लुटाए जा
तू शेर-ए-हिंद आगे बढ़, मरने से तू कभी न डर उड़ा के दुश्मनों का सर, जोश-ए-वतन बढ़ाए जा...
'राहुल बोलता रहा। अंत में उसने बड़े जोश से कहा, 'तुम
मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा।
'यह बोलकर वह स्टेज से उतर गया। सब लोग जोर-जोर से तालियां बजाने लगे। सबने उसकी बहुत प्रशंसा की। उसे इस फैंसी डैस कॉम्पिटिशन में फर्स्ट प्राइज मिला। घर पहुंचकर उसने मम्मी को पुरस्कार
पकड़ाते हुए कहा, 'मम्मी, मैं भी सुभाष चंद्र बोस की तरह अपने देश के लिए कुछ करना चाहता हूं।' 'जरूर करना बेटा।' मम्मी राहुल को खुशी से गले लगाते हुए बोलीं।
Moral ज्ञान
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Children story in hindi for education
सोचो जरा, नियम-कायदे न हों तो क्या होगा? सब अपनी मनमानी करेंगे, आपस में लड़ेंगे। जो शक्तिशाली होगा लोगों सा को परेशान करेगा और जो कमजोर होगा, वह दबाया जाएगा। एक तरह से जंगलराज हो जाएगा। ऐसी स्थिति न बने, इसलिए नियम-कानून बनाए जाते हैं ताकि सब एक अनुशासन में रहें,
आपस में लड़े-झगड़ें नहीं, अमन-चैन बना रहे। यही सोचकर देश के बड़े नेताओं और कानून के जानकारों ने अंग्रेजों से आजादी पाने - के बाद आपस में गहन विचार-विमर्श करके देश के लिए नियम-कानून बनाए, जिन्हें हम संविधान कहते हैं।
संविधान बनाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा गया कि सबको समान अधिकार मिलें, जाति-/
धर्म के आधार पर किसी प्रकार का कोई भेद-भाव न रहे। समाज में न कोई छोटा कहलाए न कोई बड़ा।
सभी बराबर के हों। देश के सभी नागरिकों के लिए विकास-उत्थान के रास्ते खलें।
motivational stories in hindi.
हर किसी को बड़े से बड़ा पद पाने का अधिकार मिले, गरीब से गरीब आदमी अपनी योग्यता के बल पर किसी भी बड़े पद पर आसीन हो। यही समानता हमारे संविधान की सबसे बड़ी खूबी है। बच्चों, हमारा संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था, इसलिए हम 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं।
यह दिन हम अपने उन अधिकारों के लिए जागरूक करता है. जो हमारी उन्नति के लिए जरूरी हैं। अगर हमारे साथ कोई भेदभाव हो रहा है, हमें हमारे अधिकार नहीं मिल रहे हैं, हमारे साथ अन्याय हो रहा है तो हम इसके विरुद्ध न्यायालय जाकर अपनी आवाज उठा सकते हैं। न्यायालय हमारे।
अधिकारों की रक्षा करेगा। हमारे संविधान में हमें कुछ मौलिक अधिकार भी दिए गए हैं, जो देश के हर नागरिकल को बहुत बड़ी ताकत देते हैं। अपने साथ जब भी कुछ गलत हो, उस पर हमें अपने विचार रखने का पूरा हक है। यहां बच्चों यह बताना भी जरूरी है,
26 January inspirational story.
जहां संविधान ने हमें बहुत-से अधिकार दिए हैं, वहीं इसमें इस बात का भी उल्लेख है कि देश-समाज के प्रति हमारे कुछ कर्त्तव्य भी हैं। यह हमारा सबसे पहला कर्त्तव्य है, हम ऐसा कुछ न करें, जिससे देश की एकता टूटे, अमन-चैन खत्म हो और देश कमजोर हो। इसलिए हम अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए अपने विकास के साथ देश के प्रति अपने कर्त्तव्य को निभाकर देश का भी विकास कर उसे शक्तिशाली बनाएं। जय हिंद...
हेलो दोस्तों यदि आपको या Baccho ki Kahaniya. Moral story in hindi. यदि पसंद आई है तो प्लीज कमेंट में बताएं। कि आपको कैसी लगी और यदि आपको अच्छी लगी तो अपने दोस्तों और फैमिली वालों के साथ इस पोस्ट को शेयर। करें और इसी प्रकार की inspirational story पढ़ने के लिए आप मुझे फॉलो भी कर सकते हैं धन्यवाद।
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